पश्चिम देश के एक पिंजरे मे
जंगल का राजा रहता था,
अपनी छोटी सी दुनिया मे
सबपर गुर्राया करता थाI
दुबला पतला सा शेर था वो
और मूच्छे रक्खा करता था,
काले थे उसकी खाल सभी
पर वो इतराया करता थाI
उस पिंजरे मे कुछ और भी थे
जो उसकी सेवा करते थे,
वो जो फरमाइश करता था
सब उसको पूरा करते थेI
एक हाथी भी उसमे रहता
और इक हथिनी भी रहती थी,
हाथी को बस खाने की ललक
हथिनी चिल्लाया करती थीI
गीदड़ भी एक आया था वहाँ
राजा की पूजा करने को,
राजा को रास नही आई
गीदड़ से सेवा लेने कोI
पर मजबूरी थी राजा की
पश्चिम से संदेशा आया था,
गीदड़ मे कुछ तो बात तो थी
वो एल-१ लेकर आया थाI
पर राजा तो राजा होता
पिंजरे मे हो या जंगल मे,
कुछ ही दिन मे घुमा डाला
गीदड़ को अपनी चंगुल मेI
गीदड़ ही सारे काम करे
खाने का हो नहलाने का,
राजा ने ये आदेश दिया
ये हुक्म नही ठुकराने काI
गीदड़ ने भी इक चाल चली
हथिनी को बहन बना डाला,
रिश्ते के समीकरण से तो
हाथी का वो बना सालाI
हाथी-हथिनी का साथ मिला
गीदड़ की किस्मत चमक गयी,
राजा को जब मालूम हुआ
तो उसकी बुद्धि ठनक गयीI
राजा ने ये ऐलान किया
गीदड़ को लटकाया जाए,
पेरिस के आइफल टवर से
सिर के बाल फिकवाया जाएI
हथिनी राजा को समझाई
की गीदड़ मेरा भाई है,
उसकी हाथों पर जो राखी है
वो आज ही मैने लगाई हैI
राजा ने उसकी नही सुनी
तो हथिनी ने ये ठान लिया,
मर जाएगी की उसकी खातिर
जिसे अपना भाई मान लियाI
फिर हाथी भी हथिनी का था
साला भी उसको प्यारा था,
एक छोटा सा परिवार था
वो और सब कुछ न्यारा न्यारा थाI
जब तीनो सोच रहे इक सा
तो राजा की क्यूँ बात सुने,
राजा का सफ़ाया करने का
फिर तीनो ने एक चाल बुनेI
अगले दिन फिर उस गीदड ने
विष से इक बकरा मारा था,
राजा ने जब बकरा खाया
जीवन से खुद को हारा थाI
राजा से छुटकारा दिलाकर
हथिनी ने जो एहसान किया,
घीदड ने उसके बदले मे
हथिनी का कन्यादान कियाI
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2 comments:
Big diya bhai !!!...this poem should be included in the course curriculam of CFA level 1, under the section "Professional standerds"
From now guruji will be called adidas ....the version 1.3 after kalidas and tulsidas.
Ab junta level 1 dene se daregi.
Suddenly FRM ppl see their market value go up.
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